वर्तमान मध्य प्रदेश राज्य का गठन
मध्य प्रदेश का वर्तमान स्वरूप एक लंबे प्रशासनिक और राजनीतिक विकास का परिणाम है। इसके गठन की प्रक्रिया ब्रिटिश शासन के दौरान आरंभ हुई और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विभिन्न रियासतों के एकीकरण से होकर गुजरी।
ब्रिटिश शासन के दौरान मध्य प्रदेश
ब्रिटिश शासन के अंतर्गत 11 दिसंबर 1853 को अंग्रेजों ने नागपुर पर अधिकार कर लिया, जिससे मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भाग पर उनका नियंत्रण स्थापित हुआ। इसके बाद, 2 नवंबर 1861 को सेण्ट्रल प्रोविंस तथा 24 अक्टूबर 1936 को बरार प्रांत का गठन किया गया।
स्वतंत्रता पूर्व, मध्य प्रदेश तीन प्रशासनिक भागों में विभाजित था:
- सेण्ट्रल इंडिया एजेंसी
- सेण्ट्रल प्रोविंस एवं बरार
- भोपाल (एक स्वतंत्र राज्य)
इस दौरान, नागपुर इस क्षेत्र का प्रशासनिक केंद्र था।
स्वतंत्रता के बाद मध्य प्रदेश का पुनर्गठन
भारत की स्वतंत्रता के बाद, मध्य प्रदेश को सेण्ट्रल प्रोविंस एवं बरार, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश और भोपाल राज्य के रूप में विभाजित किया गया। इसे प्रशासनिक सुविधा के लिए तीन प्रमुख भागों (भाग-क, भाग-ख और भाग-ग) में बांटा गया।
भाग-क (राज्य)
इसमें सेण्ट्रल प्रोविंस एवं बरार, महाकौशल और छत्तीसगढ़ को सम्मिलित किया गया, जिसकी राजधानी नागपुर थी।
- प्रशासनिक रूप से इसे 5 संभागों और 22 जिलों में विभाजित किया गया।
- इसके पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल और गवर्नर ई. राघवेन्द्रराव थे।
- इस क्षेत्र की एकमात्र रियासत मकड़ाई (हरदा) थी, जिसे वर्तमान मध्य प्रदेश में शामिल किया गया।
सेण्ट्रल प्रोविन्स एण्ड बरार की रियासतें
1. बस्तर 2. चांगभरबार 3. दुईखदान 4. जशपुर 5. कांकेर 6. कवर्धा 7. खैरागढ़ 8. कोरिया 9. राजनंदगांव 10. राजगढ़ 11. सक्ती 12. सारंगढ़ 13. सरगुजा 14. उदयपुर
भाग-ख (राज्य)
28 मई 1948 को गठित इस राज्य को मालवा यूनियन के रूप में जाना गया।
- इसकी शीतकालीन राजधानी ग्वालियर और ग्रीष्मकालीन राजधानी इंदौर थी।
- इसमें 26 रियासतें शामिल थीं, जिन्हें प्रशासनिक रूप से 16 जिलों में विभाजित किया गया।
- पहले मुख्यमंत्री लीलाधर जोशी और प्रथम राज्यपाल तख्तमल जैन थे।
मध्य भारत की रियासतें
| क्रम | रियासत | क्रम | रियासत |
|---|---|---|---|
| 1. | अलीराजपुर | 2. | बड़वानी |
| 3. | देवास (सीनियर) | 4. | देवास (जूनियर) |
| 5. | धार | 6. | ग्वालियर |
| 7. | इंदौर | 8. | जावरा |
| 9. | रतलाम | 10. | सैलाना |
| 11. | सीतामऊ | 12. | कट्ठीवाड़ा |
| 13. | नरसिंहगढ़ | 14. | मुहम्मदगढ़ |
| 15. | काला अकबर | 16. | झाबुआ |
| 17. | जमुनिया | 18. | खनियाधाना |
| 19. | जोबट | 20. | कुंवाई |
| 21. | पिपलौद | 22. | पटारी |
| 23. | राजगढ़ | 24. | खिलचीपुर |
| 25. | नीमखेड़ा | 26. | दतिया |
भाग-ग (राज्य)
12 मार्च 1948 को बघेलखंड और बुंदेलखंड की रियासतों को मिलाकर विन्ध्य प्रदेश का गठन किया गया।
- 4 अप्रैल 1948 को इसमें 35 रियासतों को जोड़ा गया।
- 1 जनवरी 1950 को इसे राज्य (भाग-ग) का दर्जा प्राप्त हुआ।
- 2 अप्रैल 1952 को पंडित शंभूनाथ शुक्ल को इसका पहला मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
विन्ध्य प्रदेश की रियासतें
| क्रम | रियासत | क्रम | रियासत |
|---|---|---|---|
| 1. | रीवा | 2. | बरोंधा |
| 3. | छतरपुर | 4. | दतिया |
| 5. | नागौद | 6. | अजयगढ़ |
| 7. | बिजावर | 8. | चरखापुर |
| 9. | मैहर | 10. | नैगावन |
| 11. | पहाड़ा | 12. | भैंसुदा |
| 13. | नौगांव | 14. | ओरछा |
| 15. | पन्ना | 16. | गौरीहर |
| 17. | जासो | 18. | कोठी |
| 19. | बिजना | 20. | सोहावल |
| 21. | लुगासी | 22. | गरौली |
| 23. | बेहात | 24. | खनियाधाना |
| 25. | तरावों | 26. | समथर |
| 27. | बेरी | 28. | टोरी फतेहपुर |
| 29. | रोबाई | 30. | पहाड़ी |
| 31. | जिंगनी | 32. | बावनी |
| 33. | बांका | 34. | सरीला |
| 35. | अलीपुर | 36. | कामता राजौला |
| 37. | पालदेव (नयागांव) | 38. | धुखाई गौरीहर |
मध्य प्रदेश का वर्तमान स्वरूप कई ऐतिहासिक घटनाओं का परिणाम है। विभिन्न रियासतों, प्रशासनिक संरचनाओं और राजनीतिक निर्णयों के चलते इस राज्य का धीरे-धीरे एकीकरण हुआ। यह प्रदेश आज भारत के हृदय स्थल के रूप में जाना जाता है और अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
3. राजनैतिक व्यवस्था

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